सरहदे !!
सरहदे !!
जवानों के प्राणों के बलिदान की कहानी है,
ये सरहदे।
ये सरहदे।
इंसानो के हैवानियत की निशानी है,
ये सरहदे।।
कई घरो के तबाही की कारण है,
ये सरहदे।।।
आखिर क्यूँ है?? ये सरहदे।।१।।
कभी सोचता हूँ , मातृभूमि के रक्षण की प्रतीक है,
ये सरहदे।
कभी सोचता हूँ विजय-पराजय के लिए लड़ी जाने वाली रण भूमी है,
ये सरहदे।।
आखिर क्यूँ है?? ये सरहदे।।२।।
जवानों के शरीर से बहे कतरे-कतरे रक्त की कर्जदार है,
ये सरहदे।
कभी सोचता हूँ , बंदिश-ए-इख़्तियार का अन्जाम है,
ये सरहदे।।
आखिर क्यूँ है?? ये सरहदे।।३।।
कभी सोचता हूँ , मानव द्वारा निर्मित शांति-अमन की प्रतीक है,
ये सरहदे।
कभी सोचता हूँ , खुदा द्वारा दिया गया खूबसूरत-सा नज़्म है ,
ये सरहदे।।
आखिर क्यूँ है?? ये सरहदे।।४।।
कायनात में लोगो के अधूरी मुराद की तशरीह है,
ये सरहदे।
धरती माता के सीने पर खिंची हुई एक लकीर है,
ये सरहदे ।।
- गजेन्द्र सिंह
✍️
✍️
Very Nice Bro
ReplyDeleteIt's Fantastic And Fabulous Poem
Thank you dear
DeleteBhot hi pyaari nazam hai, aise hi likhte rahiye
DeleteBhot hi pyaari nazam hai, aise hi likhte rahiye
DeleteSuperb one Gajendra.. Keep it up..
ReplyDeleteThank you Di
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteGreat poem Gajendra. Keep going. 💕💕
ReplyDeleteosm
ReplyDeleteThank you
DeleteBhot hi Achi nazam hai, aise hi likhte raho
ReplyDeleteThank you 😊😊
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